⚡ अगस्त से मध्य प्रदेश में प्रीपेड बिजली व्यवस्था शुरू
पहले चरण में 50,000 सरकारी ऑफिस होंगे शामिल, आम उपभोक्ताओं को मिलेगा रिचार्ज सिस्टम
📍 इंदौर, 18 जुलाई 2025
मध्य प्रदेश में बिजली उपभोक्ताओं के लिए एक बड़ा बदलाव होने जा रहा है। अगस्त 2025 से राज्य में प्रीपेड बिजली वितरण प्रणाली लागू की जा रही है।
इसका पहला चरण मध्य प्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के मालवा-निमाड़ क्षेत्र में शुरू होगा, जहां 10,000 से अधिक सरकारी कार्यालयों को प्रीपेड बिजली मोड पर शिफ्ट किया जाएगा। इसमें इंदौर के 1550 सरकारी ऑफिस भी शामिल हैं।
🏢 पहले सरकारी कार्यालय, फिर आम उपभोक्ता
सरकार का लक्ष्य दिसंबर 2025 तक प्रदेश के सभी 50,000 सरकारी कार्यालयों में प्रीपेड बिजली प्रणाली लागू करना है।
इसके बाद वर्ष 2026 से वाणिज्यिक, औद्योगिक और उच्च लोड उपभोक्ताओं, और अंततः घरेलू उपभोक्ताओं को भी प्रीपेड मोड पर शिफ्ट किया जाएगा।
💸 सरकारी कार्यालयों को देना होगा दो माह का अग्रिम भुगतान
इस नई व्यवस्था के तहत, प्रत्येक सरकारी विभाग को अपने विद्युत कनेक्शन के दो माह का एडवांस बिल देना होगा।
इस राशि को संबंधित विभाग के कोषाधिकारी के माध्यम से विद्युत कंपनी को ट्रांसफर किया जाएगा।
उदाहरण: यदि किसी ऑफिस का अधिकतम मासिक बिल ₹2,000 है, तो उन्हें ₹4,000 एडवांस में देना होगा।
प्रीपेड मोड पर सरकारी कार्यालयों को 25 पैसे प्रति यूनिट की छूट भी दी जाएगी।
🧾 आम उपभोक्ताओं के लिए मोबाइल जैसा रिचार्ज सिस्टम
दूसरे चरण में आम उपभोक्ताओं को मोबाइल और इंटरनेट की तरह रिचार्ज आधारित बिजली सेवा मिलेगी।
उपभोक्ताओं को हर माह बिल जमा करने के बजाय, प्रीपेड रिचार्ज कराना होगा, जो उनकी खपत के अनुसार धीरे-धीरे घटेगा।
उपभोक्ता बैलेंस चेक भी कर सकेंगे।
हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि रिचार्ज की न्यूनतम राशि कितनी होगी और उस पर कितनी यूनिट बिजली मिलेगी।
🔌 मीटर नहीं बदले जाएंगे
प्रीपेड व्यवस्था के लिए उपभोक्ताओं के मीटर बदले नहीं जाएंगे।
स्मार्ट मीटरों के माध्यम से ही यह सिस्टम संचालित किया जाएगा।
इन मीटरों पर भी उपभोक्ताओं को 25 पैसे प्रति यूनिट की छूट और पहले की तरह सरकारी सब्सिडी मिलती रहेगी।
📉 न करने पर कंपनियों को पेनल्टी
भारत सरकार ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि 2025 के अंत तक सभी सरकारी और उच्च लोड उपभोक्ताओं के मीटर प्रीपेड होने चाहिए।
यदि कंपनियाँ इस व्यवस्था को समय पर लागू नहीं करती हैं, तो उन पर पेनल्टी लगाई जाएगी।
यह कदम ऊर्जा दक्षता, बिलिंग पारदर्शिता और बिजली चोरी रोकने की दिशा में अहम माना जा रहा है।
🗣️ केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल का निर्देश
जून 2025 में क्षेत्रीय विद्युत सम्मेलन के दौरान केंद्रीय विद्युत व आवास मंत्री मनोहर लाल ने सभी राज्यों को अगस्त 2025 तक सरकारी कॉलोनियों में और नवंबर 2025 तक वाणिज्यिक व औद्योगिक संस्थानों में प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने के निर्देश दिए थे।
🔖 निष्कर्ष
मध्य प्रदेश में प्रीपेड बिजली व्यवस्था का आगमन बिजली उपभोक्ताओं के लिए एक बड़ा बदलाव है।
जहां एक ओर यह ऊर्जा नियंत्रण और पारदर्शिता बढ़ाएगा, वहीं आम उपभोक्ताओं के लिए नई व्यवस्था को समझना और अपनाना एक चुनौती भी हो सकता है।
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